गिरिडीह। रविवार को देवघर से लौटने के क्रम में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास गिरिडीह के हिंसा प्रभावित क्षेत्र घोड़थंभा पहुंचे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने हिंसा पीड़ित परिवारों से मिले, और उनकी स्थिति से अवगत हुए। गिरिडीह जिले के घोरथंबा में हुई हिंसा पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सरकार का यह रवैया बिल्कुल ही सही नहीं है। हम अपने पर्व त्योहार घर पर नहीं मनाएंगे तो कहा मनाएंगे। सद्भाव का ठेका सिर्फ हिंदू समाज लेकर नहीं बैठा है। रंग से किसको दुश्मनी है ये प्रशासन के लिए जांच का विषय है।
रघुवर दास ने आगे कहा कि पीएफआई जिसको हमारी सरकार ने बैन किया था, वह आज इस सरकार में राज्य की शांति व्यवस्था में खलल पैदा कर रहा है। पीएफआई चाहता है कि समाज में सांप्रदायिक सौहार्द खराब हो, वैमनस्य फैले, दंगे-फसाद हो, प्रशासन को इस दिशा में भी जांच करनी चाहिए। पूर्व में भी ऐसी घटना हो चुकी है, जब कांग्रेस-जेएमएम-आरजेडी की पिछली सरकार थी तो रांची में भी दंगा हुआ, सरकार ने खानापूर्ति करते हुए सिर्फ एसपी का ट्रांसफर कर दिया, लेकिन आजतक कोई दंगाई गिरफ्तार नहीं हुआ। लोहरदगा में रामनवमी पर पथराव किया गया। हिंदू समाज के जुलूस पर मुस्लिम समाज द्वारा पथराव किया गया, पथराव के कारण भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की हत्या हुई। बोकारो के बेरमो में रामनवमी के जुलूस को देखने वाले लोगों पर पथराव हुआ। आदिवासी समाज के सरहूल पर मुस्लिम समाज ने विरोध किया। जब जब इस राज्य में वोट बैंक की राजनीति करने वाले राजनीति दल कांग्रेस-जेएमएम-आरजेडी की सरकार बनती है, तब तब हिंदुओं के पर्व त्योहार पर इस तरह का हमला होता है और सरकार में बैठे लोग राज्य के हित की चिंता न कर सिर्फ वोट बैंक की चिंता करते हैं। जो भी दोषी है उसपर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि मस्जिद के अंदर पेट्राल बम कैसे पहुंचा, क्या कर रहा था एसपी और स्पेशल ब्रांच। विगत छह सालों से देख रहे है जब भी हिंदु का त्योहार होली-दीपावली-दुर्गा पूर्जा-सरहुल इस तरह का व्यधान क्यों डाला जाता है। हिंदू समाज ने कभी भी तजिया के जुलूस-मोहर्रम और ईद में व्यवधान डालने का काम नहीं किया। सरकार से मेरी मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो।